Saving Tips from Chanakya : मौर्य समाज के समय में विष्णु गुप्त के नाम से जाने वाले महान विद्वान को इतिहास के रूप में जानती है | चाणक्य ने अर्थशास्त्र नामक किताब लिखी थी, इसे सुनने में लगता है कि यह इकोनॉमिक्स से जुड़ा हुआ किताब होगा लेकिन असल में यह किताब राजनीति से जुड़ी हुई है इस किताब में चाणक्य ने यह समझाने का प्रयास किया है कि एक अच्छे जीवन के लिए हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए |
इसके अतिरिक्त राज्य व्यवस्था और राजनीति प्रतिक्रिया के बारे में भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है | चाणक्य के द्वारा लिखे गए इस किताब में पैसे को बचाने और पैसे के नजरिए से अपने भविष्य को सुरक्षित करने के बारे में ऐसा कौन सा ज्ञान दिया गया है उसके बारे में मैं आपको इस पोस्ट के माध्यम से जानकारी बताने जा रहा हूं, इसके लिए आपको नीचे दिए गए Saving Tips from Chanakya को पूरा पढ़ना होगा |
Saving Tips from Chanakya : अगर अपना पैसा बचाना चाहते हैं तो गांठ बांध ले चाणक्य की यह तीन बातें
आज से हजारों साल पहले चाणक्य ने मौर्य वंश के साथ ही अखंड भारत की नींव भी रखी थी, उन्होंने भारत में बहुत सारे विद्वानों में से एक माना जाता है | उनके विचार के आधार पर आज भी मिलिट्री और अर्थशास्त्र के विभिन्न क्षेत्रों में काम किया जा रहा है | आज मैं आपको चाणक्य के द्वारा सेविंग को लेकर कुछ जानकारी बताने जा रहे हैं | Saving Tips from Chanakya
धन की रक्षा करना क्यों महत्वपूर्ण है?
चाणक्य कहते थे कि एक संतुलित मात्रा में धन को इकट्ठा करना और समय-समय पर उचित स्थान पर इसका खर्च करना धन को बचाने का सही तरीका है | अगर आप हर तरह के खर्चे को बचाने की कोशिश करेंगे तो धन बचने की बजाय आप छोटे से धान में ही उलझ कर रह जाएंगे |
एक कहावत है “कपार फूटे तो फूट मगर नमरी ना टूटे”
जैसा कि आपको पता होगा कि बिहार में एक प्रचलित कहावत है ” कपार फूटे तो फूट मगर नमरी ना टूटे” इसका मतलब यह है कि पैसा इतना भी नहीं बचना चाहिए कि सर फूटने पर किसी काम का ही ना हो, इसलिए पैसा बचाने के लिए आपको इसे बढ़ाने का तरीका ढूंढना चाहिए और इसे कहां और किस प्रकार से खर्च करना चाहिए | समय-समय पर सही तरीके से खर्च किया हुआ पैसा ही सही तरीके से बच सकता है |
धन का सही तरीके से निवेश करें
चाणक्य कहते हैं कि धन को सही तरीके से निवेश करना भी बहुत ज्यादा आवश्यक होता है | आपको याद हवन, कर्मकांड इस तरह की चीजों में निवेश करने को कहा गया है लेकिन वर्तमान समय में निवेश प्रक्रिया बदल दी गई है | इस वजह से आपको इसका ध्यान रखना उचित है चाणक्य अपने अर्थशास्त्र में बताते हैं कि बेवजह संचय किया हुआ धन किसी काम का नहीं होता है, इसलिए धन संचय के पीछे हमेशा एक उचित उद्देश्य होना चाहिए |
धन रखने का उचित उद्देश्य क्या है और आप किस उद्देश्य से अपने पैसे को बचा रहे हैं और इसका निवेश आप कहां पर कर रहे हैं यही बताता है कि आप आने वाले समय में अपने पैसे का इस्तेमाल कैसे कर पाएंगे और आप कितना अच्छा भविष्य बना पाएंगे |
धन का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें और निवेश करें
धन बचाना बहुत जरूरी है लेकिन धन को बचाने का उद्देश्य होना चाहिए और निश्चित उद्देश्य पर ही धन को खर्च करना भी आवश्यक है | चाणक्य ने धन की तुलना जल से की है उन्होंने कहा कि जिस प्रकार तालाब का जल एक जगह पड़े पड़े दुर्गंध देने लगता है | इसी तरह अगर पैसे को सही तरीके से इस्तेमाल न किया जाए तो वह बर्बाद हो जाता है |
धन का सही तरीके से निवेश करना और सही तरीके से उसको खर्च करना जरूरी है | धन जितना ज्यादा खर्च होता रहेगा निवेश होता रहेगा उसके वापस आने की संभावना भी उतने ही बढ़ जाती है जो की आने वाले समय में आपको धनवान बना सकती है ।
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