DeepFake Kya Hai : आजकल सोशल मीडिया पर DeepFake को लेकर चर्चा बहुत जोरों से चल रही है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस दौड़ पर काफी तेजी से दुनिया भर में यह फैल गया है | चाहे फिर वह Obama या Putin हो या फिर मनोज और रश्मिका हो यह एक अनियंत्रित टेक्नोलॉजी से हुए नुकसान को दिखाता है | साउथ अभिनेत्री रश्मिका मंदांना ने एक वायरस DeepFake ने फिर से दिखे पर बहस छेड़ दी है |
6 नवंबर को रश्मिका मंडाना की एक वायरस DeepFake हुआ जो कि उनका था ही नहीं यह वायरल डिफेक्ट सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर जरा पटेल का था जिसे एडिट करके ज्यादा पटेल के चेहरे को रश्मिका मंडाना के चेहरे से रिप्लेस कर दिया गया है | फेक ह्यूमन इमेज सिंथेसिस नाम की टेक्नोलॉजी पर काम करता है जैसे कि हम किसी भी चीज की फोटो कॉपी कर लेते हैं वैसे ही यह टेक्नोलॉजी चलते-फिल्ट और बोलते लोगों की हो बहू कॉपी कर सकती है |
मतलब हम स्क्रीन पर एक किसी भी इंसान जीत को चलते-फिरते बोलते देख सकते हैं जो नकली है या फिर कॉपी करके बनाई गई है | इस टेक्नोलॉजी की नीड पर बनी अप बेहद नुकसान पहुंचा सकती है , इसे किसी एक व्यक्ति के चेहरे पर दूसरे का चेहरा लगाया जा सकता है | ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर DeepFake क्या है और यह कैसे काम करता है वही नहीं इसे कैसे बचा जा सकता है, तो इससे जुड़ी सभी जानकारी में नीचे दिए गए पोस्ट के माध्यम से विस्तार पूर्वक बताने जा रहा हूं, अतः आप इस पोस्ट को पूरा अवश्य पढ़े ।
DeepFake Kya Hai : DeepFake क्या है?
DeepFake वीडियो और फोटो दोनों के रूप में हो सकते हैं, इसे एक स्पेशल मशीन लर्निंग का उपयोग करके बनाया जाता है | डीप लर्निंग में कंप्यूटर के दो वीडियो या फोटो को एडिट कर दिए जाते हैं, यह ठीक उसी तरह है जैसे बच्चा किसी चीज की नकल करता है | इस तरह के फोटो वीडियो और हिडन देश होते हैं जिन्हें सिर्फ एडिटिंग सॉफ्टवेयर से ही देखा जाता है |
एक लाइन में कहे तो DeepFake रियल इमेज वीडियो को बेहतर रियल फेक वीडियो में बदलने की प्रक्रिया है, आसान भाषा में एडिटेड वीडियो कहा जा सकता है | जिसमें किसी अन्य के चेहरे को किसी उन दूसरे के चेहरे से बदल दिया जाता है | DeepFake वीडियो इतनी सटीक होते हैं कि आप इन्हें आसानी से पहचान भी नहीं सकते किसी भी इंसान का DeepFake वीडियो आसानी से बनाया जा सकता है ।
DeepFake कैसे बनते हैं?
DeepFake वीडियो बनाने में दो नेटवर्क की मदद से किया जाता है, इसमें एक इनकोडर होता है और दूसरा डिकोडर नेटवर्क होता है | इन कोऑर्डिनेटर नेटवर्क सोर्स कंटेंट या रियल वीडियो को एनालाइज करता है और फिर डाटा को डिकोडर नेटवर्क को भेजता है | उसके पश्चात फाइनल आउटपुट निकलता है जो की खूब बहू असली के जैसा होता है लेकिन वास्तव में वह फेक होता है, इसके सिर्फ एक वीडियो की जरूरत होती है | Deepfakes के लिए कई वेबसाइट और ऐप है जहां लोग भी फेक वीडियो बना रहे हैं ।
DeepFake Kya Hai कैसे पहचानें?
- एक तरह के फोटोस और वीडियो को पहचान आसान तो नहीं है लेकिन नामुमकिन भी नहीं है |
- इन्हें पहचानने के लिए आपको वीडियो को बहुत ही बारीकी से देखना होगा |
- खास तौर पर चेहरे के एक्सप्रेशन आंखों की मूवमेंट और बॉडी के स्टाइल पर ध्यान देना होगा |
- इसके अतिरिक्त बॉडी कलर से भी आप पहचान सकते हैं |
- आमतौर पर ऐसे वीडियो में चेहरे और बॉडी का कलर मैच नहीं करता |
- इसके अत्यधिक लिप सैनिक से भी इस वीडियो की पहचान की जा सकती है |
- ऐसे वीडियो को आप लोकेशन और एक्स्ट्रा ब्राइटनेस से भी पहचान सकते हैं |
- इसके अतिरिक्त खुद ही समझ से भी आप यह तय कर सकते हैं किया वीडियो रियल है या फेक ।
DeepFake Video बनाने पर क्या सजा है?
अगर आप मजाक में किसी का डिफेक्ट वीडियो बनाते हैं और शेयर करते हैं तो इसके खिलाफ आईपीसी की धारा के तहत कार्यवाही की जा सकती है और जुर्माना लगाया जा सकता है | इसके अतिरिक्त यदि किसी की फोटो खराब होती है तो आपके खिलाफ मानहानि का भी मामला बनेगा | इस मामले में सोशल मीडिया कंपनी के खिलाफ भी आईटी नियमों के तहत कार्यवाही हो सकती है | शिकायत के 36 घंटे के अंदर सोशल मीडिया कंपनी को अपने प्लेटफार्म के इस तरह के कंटेंट को हटाना होगा ।
DeepFake काम कैसे करता है?
किसी रियल वीडियो में दूसरे के चेहरे को एडजस्ट कर देने को ही DeepFake के नाम से जाना जाता है | डीप लर्निंग और फेक के मेल से बना शब्द है, वीडियो और फोटो दोनों रूप में हो सकता है | इसमें मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से इसे तैयार किया जाता है | साधारण शब्दों में समझे तो टेक्नोलॉजी ऑर्डर और डिकोडर टेक्नोलॉजी की मदद से इसे बनाया जाता है | डिकोडर सबसे पहले किसी इंसान के चेहरे के हाव-भाव और बनावट की गलत जांच कर लेता है | इसके पश्चात किसी फर्जी फेस पर इसे लगा दिया जाता है जिससे हूं बहू फर्जी वीडियो और फोटो को बनाया जाता है | डिफेक्ट फोटो वीडियो होते हुए भी लोग इस रियल देख पाते हैं ।
DeepFake से कैसे होगा बचाव?
DeepFake वीडियो को फैसियल एक्सप्रेशन से पहचाना जा सकता है | फोटो और वीडियो के आइब्रो लिप्स को देखकर और उसके मूवमेंट से भी पहचान की जा सकती है | केंद्र सरकार जल्दी ऐसी सामग्री के खिलाफ उचित कार्यवाही करने के लिए एक अधिकारी को नियुक्त करेगी इसमें शामिल मध्यस्थ के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाएगा |
अगर वे यह खुलासा करते हैं की सामग्री कहां से आई है, तो उसे पोस्ट करने वाले के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा | सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपने उपयोग की शर्तों को इस नियमों के अनुरूप करने के लिए 7 दिन का समय दिया जाता है | यह जानकारी केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मीडिया से साझा किया है ।
DeepFake Kya Hai : Important Links
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